अनिता भारती की किताब को ‘ सावित्री बाई फुले वैचारिकी सम्मान, 2016’ की घोषणा

स्त्रीवादी पत्रिका , ‘ स्त्रीकाल, स्त्री का समय और सच’ के द्वारा वर्ष 2016 के लिए ‘ सावित्री बाई फुले वैचारिकी सम्मान’  लेखिका अनिता भारती की किताब ‘समकालीन नारीवाद  और दलित स्त्री का प्रतिरोध’ ( स्वराज प्रकाशन) को देने की घोषणा की गई है. अर्चना वर्मा , सुधा अरोड़ा , अरविंद जैन,  हेमलता माहिश्वर, सुजाता पारमिता, परिमला आम्बेकर की सदस्यता वाले निर्णायक मंडल ने यह निर्णय 3 अप्रैल को 2016 को बैठक के बाद लिया . 2015 में पहली बार यह सम्मान शर्मिला रेगे को उनकी किताब ‘ अगेंस्ट द मैडनेस  ऑफ़ मनु : बी आर आम्बेडकर्स  राइटिंग ऑन ब्रैहम्निकल पैट्रीआर्की ‘ (नवयाना प्रकाशन ) के लिए दिया गया था.

इस सम्मान के लिए 2009 से 2015  तक हिन्दी में लिखी गई या अनूदित स्त्रीवादी वैचारिकी की  प्रकाशित किताबों पर विचार करते हुए निर्णायक मंडल ने अंतिम तौर पर प्रमिला के पी, सुधा सिंह , रेखा कास्तवार, कृष्ण कुमार,  रोहिणी अग्रवाल और अनिता भारती की किताबों, क्रमशः ‘ यौनिकता बनाम अध्यात्मिकता’ ‘ज्ञान का स्त्रीवादी पाठ’ ‘ ‘स्त्रीचिंतन की चुनौतियां’, ‘चूड़ी बाजार में लडकी”हिन्दी उपन्यास का स्त्रीवादी पाठ’ तथा ‘ समकालीन नारीवाद और दलित स्त्री का प्रतिरोध’ पर विचार किया.  निर्णय के लिए दो दर्जन से अधिक किताबों पर विचार किया गया.

निर्णायक मंडल ने अपने अंतरिम नोट में कहा कि: ‘ दलित स्त्रीवाद की किसी आंगिक (ऑर्गनिक) विदुषी  द्वारा दलित स्त्रीवाद की सैद्धांतिकी निर्मित करने की दिशा में हिन्दी की यह पहली किताब है . इस किताब में 7 खण्ड है’ : क्रमश: दलित लेखिकाओं का स्त्रीवादी स्तर, खुद से गुजरते हुए, साहित्यकार प्रेमचन्द और दलितस्त्री, संघर्ष के विविध आयाम, छूटे पन्ने, पितृसत्ता को चुनौती, अम्बेडकरवाद और दलित साहित्य। इस प्रकार- किताब मूलत: स्त्रीवादी लेखन के इतिहास- वर्तमान को केन्द्रित कर समकालीन स्त्रीवाद में दलित स्त्री के प्रतिरोध को चिहनित और स्थापित करती है।’

‘ यह सम्मान 20 जुलाई , 2016 को दिया जायेगा,’ यह जानकारी देते हुए स्त्रीकाल पत्रिका के संपादक संजीव चंदन ने कहा कि ‘ यह दिन ऐतिहासिक दिन है. इस दिन ही 1942 में डा. बाबा साहेब आम्बेडकर के द्वारा प्रेरित महिलाओं का ऐतिहासिक सम्मलेन नागपुर में संपन्न हुआ था, जिसमें 25000 महिलाओं ने भाग लिया था.’ इस वर्ष देश बाबा साहेब आम्बेडकर का 125 वी जयंती भी मना रहा है. इस लिए भी दलित स्त्रीवाद की एक किताब के लिए दलित स्त्री लेखिका अनिता भारती को सम्मानित करने का निर्णायक मंडल का निर्णय महत्वपूर्ण है . इस सम्मान के लिए किताब की लेखिका / लेखक को स्त्रीवादी विचारक और अधिवक्ता अरविंद जैन के द्वारा 12 हजार रूपये की राशि दी जाती है .

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

ISSN 2394-093X
418FansLike
783FollowersFollow
73,600SubscribersSubscribe

Latest Articles